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ग्रन्थनाम [Book Name] - ನೀನು ಇರುವಂತೆ ಇರು (ಸಂಪುಟ -2) [Neenu Iruvante Iru (Vol -2)]
लेखकः [Author] - गुरुपादराज [Gurupadaraja]
प्रकाशकः [Publisher] - समाज पुस्तकालयः धारवाडः [Samaja Pustakalaya Dharwad]
भाषा [Language] - कन्नड [ಕನ್ನಡ]
विचारः [Topic] -
आकारः [Size] - 1/8th Crown पुटाः [Pages] - 193
पुस्तकानि [Books] |
प्रकाशकः [Publisher] |
समाज पुस्तकालयः धारवाडः [Samaja Pustakalaya Dharwad] |
लेखकः [Author] |
गुरुपादराज [Gurupadaraja] |
भाषा [Language] |
कन्नड [ಕನ್ನಡ] |
ನೀನು ಇರುವಂತೆ ಇರು (ಸಂಪುಟ -2) [Neenu Iruvante Iru (Vol -2)]
- Availability: 2 - 3 DAYS
- Views: 2228
- Model: SAMPUSDHKAN115
प्रकाशकः [Publisher] |
समाज पुस्तकालयः धारवाडः [Samaja Pustakalaya Dharwad] |
लेखकः [Author] |
गुरुपादराज [Gurupadaraja] |
भाषा [Language] |
कन्नड [ಕನ್ನಡ] |
- Rs. 100.00
- Ex Tax: Rs. 100.00
Tags:
ನೀನು ಇರುವಂತೆ ಇರು (ಸಂಪುಟ -2) [Neenu Iruvante Iru (Vol -2)],
गुरुपादराज [Gurupadaraja],
समाज पुस्तकालयः धारवाडः [Samaja Pustakalaya Dharwad],
Ramana Maharshi's Preachings